हरियाणा के चरखी दादरी में 1000 करोड़
रुपए के ब्लैकमनी का खुलासा हुआ है। इनकम टैक्स
डिपार्टमेंट ने अपनी जांच में पाया कि नोटबंदी के
बाद यहां इस रकम की बैंकिंग चैनल के
जरिए‘लॉन्डरिंग’की गई। एंट्री ऑपरेटर की पहचान
हो गई,लेकिन मुख्य आरोपी का पता नहीं चला है।
हवाला के जरिए हुई ब्लैकमनी की एंट्री...
-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट(इन्वेस्टिगेशन विंग)की
डीजी मधु महाजन ने मीडिया को बताया,“चरखी
दादरी में हाल में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम
की हवाला के जरिए एंट्री का पता चला है।”
-“जांच में पता चला कि ब्लैकमनी की बैंकिंग चैनल के
जरिए‘लॉन्डरिंग’की गई। एंट्री आपरेटर की पहचान
हो गई है,लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी का पता
नहीं चल सका है।”
18से ज्यादा लोगों का फायदा हुआ
-महाजन ने कहा कि एंट्री ऑपरेटर ने डिपॉजिट की
फेसेलिटी देकर 18 से ज्यादा लोगों को फायदा
पहुंचाया। इसके बेनिफिशियरीज की तादाद बढ़
सकती है।”
-अफसर के मुताबिक,ऐसे कई हवाला एंट्री ऑपरेटर्स के
नाम सामने आए हैं,जो डिपॉजिट फेसेलिटी देकर
फीस वसूलते थे। अनअकाउंटेड कैश जमा करने के लिए
काफी बेनामी अकाउंट्स भी खोले गए।
टैक्स चोरों ने इस्तेमाल किए कई तरीके
-डिपार्टमेंट ने पाया कि एक कंपनी ने इम्प्लाईज के
अकाउंट्स में 10 हजार से 40 हजार रुपए तक
डिपॉजिट किए। इसे सिर्फ एचआर और कंपनी के
अकाउंट डिपार्टमेंट के लोग ही निकाल सकते हैं।
-कुछ मामलों में बैंक अफसरों का रोल भी शक के घेरे
में है। सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टर इन मामलों
की जांच कर रहे हैं।
-अफसरों के मुताबिक,कुछ ज्वैलर्स ने कैश में भारी
बिक्री दिखाई। इसके अलावा कुछ बिल्डर्स ने बैक
डेट में कैश डिपॉजिट दिखाया।
-आईटी डिपार्टमेंट ने यह भी पाया कि नोटबंदी
लागू होने के बाद पंजाब में कुछ कोऑपरेटिव बैंकों ने
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स का पालन नहीं किया
रुपए के ब्लैकमनी का खुलासा हुआ है। इनकम टैक्स
डिपार्टमेंट ने अपनी जांच में पाया कि नोटबंदी के
बाद यहां इस रकम की बैंकिंग चैनल के
जरिए‘लॉन्डरिंग’की गई। एंट्री ऑपरेटर की पहचान
हो गई,लेकिन मुख्य आरोपी का पता नहीं चला है।
हवाला के जरिए हुई ब्लैकमनी की एंट्री...
-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट(इन्वेस्टिगेशन विंग)की
डीजी मधु महाजन ने मीडिया को बताया,“चरखी
दादरी में हाल में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम
की हवाला के जरिए एंट्री का पता चला है।”
-“जांच में पता चला कि ब्लैकमनी की बैंकिंग चैनल के
जरिए‘लॉन्डरिंग’की गई। एंट्री आपरेटर की पहचान
हो गई है,लेकिन अभी भी मुख्य आरोपी का पता
नहीं चल सका है।”
18से ज्यादा लोगों का फायदा हुआ
-महाजन ने कहा कि एंट्री ऑपरेटर ने डिपॉजिट की
फेसेलिटी देकर 18 से ज्यादा लोगों को फायदा
पहुंचाया। इसके बेनिफिशियरीज की तादाद बढ़
सकती है।”
-अफसर के मुताबिक,ऐसे कई हवाला एंट्री ऑपरेटर्स के
नाम सामने आए हैं,जो डिपॉजिट फेसेलिटी देकर
फीस वसूलते थे। अनअकाउंटेड कैश जमा करने के लिए
काफी बेनामी अकाउंट्स भी खोले गए।
टैक्स चोरों ने इस्तेमाल किए कई तरीके
-डिपार्टमेंट ने पाया कि एक कंपनी ने इम्प्लाईज के
अकाउंट्स में 10 हजार से 40 हजार रुपए तक
डिपॉजिट किए। इसे सिर्फ एचआर और कंपनी के
अकाउंट डिपार्टमेंट के लोग ही निकाल सकते हैं।
-कुछ मामलों में बैंक अफसरों का रोल भी शक के घेरे
में है। सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टर इन मामलों
की जांच कर रहे हैं।
-अफसरों के मुताबिक,कुछ ज्वैलर्स ने कैश में भारी
बिक्री दिखाई। इसके अलावा कुछ बिल्डर्स ने बैक
डेट में कैश डिपॉजिट दिखाया।
-आईटी डिपार्टमेंट ने यह भी पाया कि नोटबंदी
लागू होने के बाद पंजाब में कुछ कोऑपरेटिव बैंकों ने
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स का पालन नहीं किया