
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने स्वामी को गवाहों की लिस्ट सौंपने का
आखिरी मौका दिया है। स्वामी ने पिटीशन में कहा था कि सुनवाई के लिए
डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं। 9
दिसंबर को आरोपियों के वकील ने कोर्ट से कहा था कि स्वामी अंधेरे में तीर
चला रहे हैं क्योंकि वह डॉक्यूमेंट्स के जरिए कांग्रेस के खिलाफ कोई नया
मामला बनाना चाहते हैं। पहले स्वामी की पिटीशन पर लोअर कोर्ट ने फाइनेंस मिनिस्ट्री, शहरी विकास
मंत्रालय, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से डॉक्यूमेंट्स और कांग्रेस की बैलेंस
शीट मांगी थी। कांग्रेस और एजेएल ने इसी साल अप्रैल में संबंधित
डॉक्यूमेंट्स सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दिए थे।
स्वामी ने दायर किया है केस
बीजेपी नेता स्वामी ने नेशनल हेराल्ड ग्रुप की प्रॉपर्टीज के गैरकानूनी
इस्तेमाल का आरोप लगाकर 2012 में राहुल-सोनिया समेत कांग्रेस नेताओं के
खिलाफ केस दर्ज कराया। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 जून, 2014 को सोनिया, राहुल के
अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल बोरा, सैम पित्रौदा और सुमन दुबे को हाजिर
होने का ऑर्डर दिया था। दिसंबर, 2015 को सोनिया और राहुल समेत बाकी नेताओं
को बेल दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि क्रिमिनल प्रोसिजर एक्ट की धारा 91 के तहत
कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी का पक्ष सुनना जरूरी है। लेकिन इस मामले
में ऐसा नहीं हुआ।